नेतृत्व उत्कृष्टता पर अटल-एफडीपी

अटल (एआईसीटीई ट्रेनिंग एंड लर्निंग)
अकादमी
संकाय विकास कार्यक्रम
पर
नेतृत्व उत्कृष्टता
(9 अगस्त-13 अगस्त 2021)

नेतृत्व उत्कृष्टता पर 5 दिवसीय एआईसीटीई प्रायोजित कार्यशाला 9 से 13 अगस्त 2021 तक आयोजित की गई, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से लगभग 125 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

परियोजना का उद्देश्य

तेज़ी से बदलते कारोबारी परिदृश्य और मांग और आपूर्ति के बीच के विशाल अंतर को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण प्रतिभा की आवश्यकता दुनिया भर में बढ़ती चिंता का विषय है। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि हमारी शिक्षा प्रणाली को भी आज के शिक्षार्थियों को भविष्य की ऐसी जटिल परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार करना होगा। शिक्षकों के रूप में हमें ऐसे कार्यक्रम विकसित करने और वितरित करने के लिए प्रयास करने की आवश्यकता है जो भविष्य के काम के लिए आवश्यक कौशल से मेल खाते हों और ऐसे परिवर्तनों को संभालने के लिए निरंतर सीखने और क्षमताओं के निर्माण की आवश्यकता का उदाहरण हों।

नई शिक्षा नीति के लागू होने के साथ, यह समय है कि हम पुनर्विचार करें, पुनर्मूल्यांकन करें और खुद को नए सिरे से तैयार करें ताकि हम ऐसे कार्यक्रम विकसित और कार्यान्वित कर सकें जो भविष्य के नेताओं को लचीली किन्तु विकासोन्मुख मानसिकता, दयालु हृदय और सहयोगात्मक व्यवहार के साथ तैयार करें।

प्रोजेक्ट T.H.R.I.V.E का मतलब है परिवर्तनकारी, मानवतावादी, जिम्मेदार, अभिनव, मूल्य-आधारित शिक्षक तैयार करना। शिक्षकों के लिए एक कार्यक्रम बनाकर, हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि उच्चतम गुणवत्ता, समानता और अखंडता के साथ शिक्षा प्रदान करने के इस मिशन का नेतृत्व करने के लिए बदलाव की शुरुआत हमारी ओर से होनी चाहिए। शिक्षकों को लगातार उच्च छात्र ड्रॉपआउट, असंबद्ध और खंडित शिक्षा, शिक्षार्थियों की बदलती प्राथमिकताओं और लगातार बदलते उद्योग मानकों से जूझना पड़ता है। इसलिए, यह न केवल जीवित रहने बल्कि अपनी क्षमता को अधिकतम करने के लिए संपन्न होने की यात्रा शुरू करने का सही समय है। इस कार्यक्रम को आईआईएम अमृतसर की कार्यकारी शिक्षा की अध्यक्ष डॉ. वर्तिका दत्ता द्वारा डिजाइन और निष्पादित किया गया है।

नेतृत्व उत्कृष्टता पर 5 दिवसीय कार्यशाला के वक्ता थे:

प्रो. अमित गुप्ता
प्रो. दिव्या
प्रो. के.जी. श्रीनिवास
प्रो. मुकेश कुमार
प्रो. रवि शंकर
प्रो. रूपन ढिल्लन
प्रो. सुजीत जगदाले
प्रो. स्वेता सिंह
प्रो. वर्तिका दत्ता